
बागपत में ‘सिगरेट वाले बाबा’ का अनोखा दरबार: धुएं से इलाज का दावा, आस्था या अंधविश्वास?
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में इन दिनों एक अनोखे ‘बाबा’ की चर्चा जोरों पर है। ‘सिगरेट वाले बाबा’ के नाम से मशहूर सुरेंद्र उर्फ शौकीन का दरबार दोघट थाना क्षेत्र के निरपुड़ा-दोघट मार्ग पर लगा हुआ है।
पहले मूंगफली बेचने वाले ये शख्स अब सिगरेट के धुएं से लोगों के हर मर्ज का इलाज करने का दावा कर रहे हैं। न डॉक्टर, न दवा — बस सिगरेट के कश से कष्ट दूर होने की बात कही जा रही है।
श्रद्धालुओं के अनुसार, बाबा सिगरेट जलाकर उसका धुआं मरीज के चेहरे या शरीर पर फूंकते हैं, जिससे सिरदर्द, बुखार, बदन दर्द, पारिवारिक कलह, रोजगार की समस्या और यहां तक कि भूत-प्रेत की बाधा तक दूर हो जाती है।
इलाज के लिए पर्ची कटवानी पड़ती है — सामान्य पर्ची ₹100 की और इमरजेंसी पर्ची ₹300 की। प्रसाद के रूप में सिगरेट और पतासे दिए जाते हैं, लेकिन बाहर से सिगरेट लाना सख्त मना है।
यह दरबार अब केवल बागपत तक सीमित नहीं रहा। दिल्ली और हरियाणा से भी श्रद्धालुओं की भीड़ यहां पहुंच रही है। लोग इसे चमत्कार मानते हैं और दावा करते हैं कि बाबा के कश से उनकी समस्याएं दूर हुई हैं।
हालांकि, कई लोग इसे खुला अंधविश्वास और अवैध कमाई का धंधा बता रहे हैं। प्रशासन की खामोशी इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल बनी हुई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सिगरेट का धुआं सेहत के लिए हानिकारक है और ऐसे दावों के कारण लोग सही इलाज से वंचित रह सकते हैं। अभी तक पुलिस या स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
यह मामला आस्था और अंधविश्वास के बीच की पतली रेखा को उजागर करता है। एक ओर जहां लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इसे धोखाधड़ी कहने वालों की संख्या भी कम नहीं। आने वाले दिनों में प्रशासन क्या कदम उठाता है, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।

